<p>आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण मोटापा एक आम समस्या बन गया है। वजन का बढ़ना न केवल हार्ट डिजीज और डायबिटीज का कारण बनता है&comma; बल्कि यह हड्डियों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। हड्डियां हमारे शरीर का आधार होती हैं&comma; जो शरीर को सहारा देने और अंगों की सुरक्षा करने का काम करती हैं। लेकिन ज्यादा वजन होने पर हड्डियों पर ज्यादा दबाव पड़ता है&comma; जिससे उन्हें नुकसान पहुंच सकता है। आइए जानते हैं कि कैसे ज्यादा वजन हड्डियों के लिए हानिकारक हो सकता है।<&sol;p>&NewLine;<h2>हड्डियों पर एक्स्ट्रा दबाव<&sol;h2>&NewLine;<p>जब शरीर का वजन सामान्य से ज्यादा होता है&comma; तो हड्डियों और जोड़ों पर एक्स्ट्रा भार पड़ता है। खासकर घुटने&comma; कूल्हे और रीढ़ की हड्डी इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। यह दबाव हड्डियों के टिश्यू को धीरे-धीरे कमजोर कर देता है&comma; जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस में जोड़ों के बीच की कार्टिलेज घिसने लगती है&comma; जिससे दर्द और सूजन की समस्या होती है।<&sol;p>&NewLine;<h2>हड्डियों की डेंसिटी कम होना<&sol;h2>&NewLine;<p>ज्यादा वजन होने पर हड्डियों की डेंसिटी कम होने लगता है। हड्डियों की डेंसिटी उनकी मजबूती का अहम संकेत होता है। जब हड्डियां कमजोर होती हैं&comma; तो उनके टूटने या फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। मोटापे के कारण हड्डियों में कैल्शियम और अन्य मिनरल्स की कमी हो सकती है&comma; जो उन्हें कमजोर बना देती हैं।<&sol;p>&NewLine;<h2>सूजन<&sol;h2>&NewLine;<p>मोटापे के कारण शरीर में सूजन और इंफ्लेमेशन की समस्या बढ़ जाती है। यह सूजन हड्डियों और जोड़ों के लिए हानिकारक होती है। इंफ्लेमेशन के कारण हड्डियों के टिश्यू को नुकसान होने लगते हैं&comma; जिससे उनकी मजबूती कम हो जाती है। इसके अलावा&comma; यह सूजन ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकती है।<&sol;p>&NewLine;<h2>हार्मोनल असंतुलन<&sol;h2>&NewLine;<p>मोटापे के कारण शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। खासकर&comma; लेप्टिन और एडिपोनेक्टिन जैसे हार्मोन्स का लेवल प्रभावित होता है। ये हार्मोन्स हड्डियों के निर्माण और मरम्मत के लिए जिम्मेदार होते हैं। जब इनका संतुलन बिगड़ता है&comma; तो हड्डियों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है और वे कमजोर हो जाती हैं।<&sol;p>&NewLine;<h2>फिजिकल एक्टिविटी में कमी<&sol;h2>&NewLine;<p>मोटापे के कारण लोग अक्सर फिजिकल एक्टिविटी से दूर हो जाते हैं। एक्सरसाइज और शारीरिक मेहनत हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी होती है। जब फिजिकल एक्टिविटी कम होती है&comma; तो हड्डियों की डेंसिटी कम होने लगती हैं और वे कमजोर हो जाती हैं। इसके अलावा&comma; वजन कम करने के लिए की जाने वाली एक्सरसाइज भी हड्डियों को मजबूती देती हैं।<&sol;p>&NewLine;<h2>ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा<&sol;h2>&NewLine;<p>मोटापे के कारण ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी कंडिशन है&comma; जिसमें हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि छोटी सी चोट से भी फ्रैक्चर हो सकता है। ज्यादा वजन होने पर हड्डियों की डेंसिटी कम होता है&comma; जिससे यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है।<&sol;p>&NewLine;

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