छत्तीसगढ़ की जेलों में बंद कैदियों ने मंगलवार को प्रयागराज संगम के पवित्र जल से स्नान किया और सामूहिक प्रार्थना में भाग लिया। सुबह आठ बजे से प्रदेश की पांच केंद्रीय, 18 जिला और दस सब जेल के कैदियों ने पवित्र जल से स्नान किया। राज्य की जेलों में 18 हजार से अधिक कैदी बंद हैं, और जेल प्रबंधन ने कैदियों के लिए विशेष व्यवस्था की थी। कैदियों ने इस अवसर पर बढ़-चढ़कर भाग लिया और इसे एक सकारात्मक अनुभव बताया।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि संस्कार और संस्कृति किसी भी व्यक्ति के जीवन का अहम हिस्सा होते हैं, और जेल में बंद कैदी भी इससे अछूते नहीं हैं। यह आयोजन कैदियों के मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान के उद्देश्य से किया गया, ताकि उनमें आत्मशुद्धि और सकारात्मक सोच विकसित हो सके।
उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 144 वर्षों बाद आयोजित हो रहे महाकुम्भ का पुण्य लाभ समाज के हर वर्ग को मिलना चाहिए। इसलिए सरकार ने जेलों में यह विशेष पहल की थी, ताकि कैदियों को यह अफसोस न हो कि वे महायोग के इस पवित्र स्नान से वंचित रहे।
वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कैदियों को गंगाजल से स्नान कराने पर तंज कसते हुए कहा कि गंगा जल से नहाकर सभी के पाप धुल गए। अब कैदी भी पापमुक्त हो गए हैं, इसलिए अब उन्हें रिहा करने की व्यवस्था की जानी चाहिए।